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Rasmalai Recipe: घर पर रसमलाई बनाने की आसान विधि
Introduction: What is Rasmalai?
Rasmalai एक पारंपरिक और शानदार भारतीय मिठाई है जिसकी उत्पत्ति बंगाल में हुई थी लेकिन अब इसे पूरे देश में खाया जाता है। इसका नाम दो शब्दों से आया है: “रस” जिसका अर्थ है जूस या शर्बत और “मलाई” जिसका अर्थ है क्रीम। इसमें नरम और स्पंजी छेना (पनीर) के गोले होते हैं, जो रसगुल्ले के समान होते हैं, इलायची के स्वाद के साथ और पिस्ता और बादाम जैसे मेवों से सजाए जाते हैं, जिन्हें केसर युक्त दूध में भिगोया जाता है।
Rasmalai को अक्सर ठंडा परोसा जाता है, जो इसे गर्मियों में और दिवाली, होली और रक्षा बंधन जैसे त्योहारों के दौरान पसंदीदा बनाता है। इसकी मलाईदार बनावट, सूक्ष्म मिठास और नाजुक स्वाद इसे किसी भी मिठाई की मेज पर शो-स्टॉपर बनाते हैं।

Rasmalai Recipe Ingredients (सामग्री)
1. रसगुल्ले (छैना बॉल्स) बनाने के लिए:
फुल क्रीम दूध – 1 लीटर
नींबू का रस – 2 टेबलस्पून (या सिरका)
पानी – 5 कप (रसगुल्ले पकाने के लिए)
चीनी – 1 कप (रसगुल्ले की चाशनी के लिए)
2. मलाई (Ras / Rabri) तैयार करने के लिए:
फुल क्रीम दूध – 1 लीटर
चीनी – 4 टेबलस्पून (स्वाद अनुसार बढ़ा सकते हैं)
केसर – 8–10 धागे (थोड़े गर्म दूध में भिगोएं)
इलायची पाउडर – ½ टीस्पून
कटे हुए बादाम और पिस्ता – 2 टेबलस्पून (गार्निश के लिए)
✅ Tip: हमेशा फुल क्रीम दूध का उपयोग करें ताकि क्रीम गाढ़ी और स्वादिष्ट बने।
Rasmalai Recipe Step-by-Step Recipe (विधि)
Rasmalai Recipe Step 1: छैना (Chhena) तैयार करना

1. दूध उबालें: एक भारी तले वाले बर्तन में 1 लीटर फुल क्रीम दूध उबालें।
2. नींबू डालें: जब दूध उबल जाए, तो आंच धीमी कर दें और धीरे-धीरे 2 बड़े चम्मच नींबू का रस डालें।
3. दूध अलग करें: दूध पानी और दही में अलग हो जाएगा। जब पानी पूरी तरह से अलग हो जाए, तो आंच बंद कर दें। दही को एक महीन मलमल के कपड़े से छान लें। नींबू का खट्टा स्वाद हटाने के लिए ठंडे पानी से धो लें।
4. छेन को छान लें: कपड़े को कसकर बांधें और 30 मिनट के लिए लटका दें ताकि सारा पानी निकल जाए। आपकी ताज़ा छेन तैयार है।
Rasmalai Recipe Step 2: रसगुल्ले बनाना

1. छैना को मसलना: छैना को प्लेट में निकाल कर 8-10 मिनट तक मसलें जब तक कि यह मुलायम और मुलायम न हो जाए। इससे रसगुल्ला मुलायम हो जाएगा।
2. गोले बनाना: अब बराबर आकार के छोटे-छोटे गोल गोले बना लें। ध्यान रहे कि किनारे फटे नहीं।
3. चाशनी बनाना: एक बड़े बर्तन में 5 कप पानी और 1 कप चीनी डालकर उबाल लें।
4. रसगुल्ला पकाना: जब चीनी का घोल उबलने लगे तो इसमें छैना के गोले डालें। ढककर तेज आंच पर 10-12 मिनट तक पकाएं।
5. रसगुल्ला फूलना: रसगुल्ला का आकार दोगुना हो जाएगा। गैस बंद कर दें और इसे चाशनी में ठंडा होने दें।
Rasmalai Recipe Step 3: मलाई (Rabri / Ras) तैयार करना

1. दूध को गाढ़ा करें: एक भारी तले वाले पैन में 1 लीटर फुल क्रीम दूध डालें और धीमी आंच पर पकने दें। बीच-बीच में हिलाते रहें।
2. केसर और इलायची डालें: जब दूध 60% तक कम हो जाए, तो केसर (भिगोया हुआ) और ½ चम्मच इलायची पाउडर डालें।
3. चीनी डालें: स्वादानुसार 4 बड़े चम्मच चीनी डालें और अच्छी तरह मिलाएँ।
4. सूखे मेवे डालें: अब कटे हुए बादाम और पिस्ता डालें। ठंडा होने पर यह गाढ़ा हो जाएगा।
Rasmalai Recipe Step 4: Rasmalai को तैयार करना

1. रसगुल्लों को दबाना: ठंडे रसगुल्लों को धीरे से निचोड़ें ताकि अतिरिक्त चाशनी निकल जाए।
2. क्रीमिंग: अब इन रसगुल्लों को तैयार ठंडी क्रीम में डालें।
3. ठंडा करने की विधि: रसगुल्लों को कम से कम 2-3 घंटे के लिए फ्रिज में रखें ताकि स्वाद अच्छी तरह से मिल जाए।
Tips for Perfect Rasmalai:
छेना एकदम ताजा और मुलायम होना चाहिए। रसगुल्ले को फूलने के लिए पकाने के दौरान पैन को ढक कर रखना चाहिए। क्रीम में ज़्यादा चीनी न डालें, रसगुल्ले मीठे भी होते हैं।
Serving Suggestion (परोसने का सुझाव)
1. ठंडा परोसें:
रसमलाई को हमेशा ठंडा परोसना बेहतर होता है। परोसने से पहले कम से कम 2-3 घंटे के लिए फ्रिज में रखें ताकि मलाई और रसगुल्ले का स्वाद पूरी तरह से मिल जाए।
2. एक कटोरी या मिट्टी के बर्तन में परोसें:
रसमलाई को एक सुंदर कांच के कटोरे या पारंपरिक मिट्टी के बर्तन में परोसें – इससे इसकी प्रस्तुति और स्वाद दोनों ही बढ़ जाते हैं।
3. सजावट की विधि:
परोसने से पहले, केसर के दूध, कटे हुए पिस्ता और बादाम और चांदी के वर्क से सजाएँ। यह आकर्षक लगेगा और आपके मेहमानों को प्रभावित करेगा।
4. त्योहारों के लिए खास:
दीवाली, रक्षा बंधन, ईद या शादियों जैसे त्योहारों पर रसमलाई को शाही मिठाई की तरह परोसा जा सकता है।
5. मिनी रसमलाई कप का आइडिया:
आप रसमलाई को छोटे शॉट ग्लास या डेज़र्ट कप में भी परोस सकते हैं – यह किसी पार्टी या बुफे के लिए एक बेहतरीन आइडिया है।

Is Ras Malai healthy?
✅ स्वास्थ्य लाभ (जब संयम से खाया जाए)
1. प्रोटीन से परिपूर्णता: मुख्य घटक, छेना (पनीर), दूध से बना है और प्रोटीन और कैल्शियम का एक अच्छा स्रोत है।
2. कैल्शियम होता है: चटनी रस (मलाई) और बॉल्स दोनों ही दूध से बने होते हैं, इसलिए रसमलाई जोड़ों के स्वास्थ्य और दांतों की दुकान का समर्थन करता है।
3. घर का बना लाभ: यदि सीमित चीनी और पूर्ण वसा वाले दूध के साथ घर पर बनाया जाए, तो सामग्री को नियंत्रित करके रसमलाई को आंशिक रूप से स्वस्थ बनाया जा सकता है।
4. मैदा या तेल नहीं: कई भारतीय मिठाइयों के विपरीत, रसमलाई में डीप फ्री नहीं किया जाता, मैदा नहीं डाला जाता या भारी मात्रा में घी का उपयोग नहीं किया जाता।
⚠️ ध्यान रखने योग्य बातें (अधिक मात्रा में)
1. चीनी में उच्च: पारंपरिक रसमलाई में चीनी की मात्रा अधिक होती है, जो अधिक मात्रा में सेवन करने पर वजन बढ़ने, मधुमेह या उच्च रक्त शर्करा के स्तर का कारण बन सकती है।
2. कैलोरी घनत्व: पूर्ण क्रीम दूध, चीनी सिरप और क्रीम के कारण इसमें कैलोरी की मात्रा अधिक होती है – यह कैलोरी नियंत्रित या वजन घटाने वाले आहार पर रहने वालों के लिए आदर्श नहीं है।
3. वसा में उच्च: पूर्ण वसा वाले दूध और क्रीम में संतृप्त वसा होती है, जो बड़ी मात्रा में हृदय के लिए अच्छी नहीं हो सकती है।
💡 Tips for a Healthier Rasmalai
1. कम वसा वाले दूध या डबल-टोन्ड दूध का उपयोग करें।
2. चीनी के बजाय गुड़ या स्टीविया जैसे प्राकृतिक स्वीटनर का उपयोग करें।
3. अधिक फाइबर के लिए चिया बीज या पिसे हुए बादाम डालें।
4. मात्रा सीमित करें – भूख मिटाने के लिए एक छोटा टुकड़ा ही काफी है।
History of Rasmalai (रस मलाई का इतिहास)
रस मलाई भारत की सबसे प्रिय और शाही मिठाइयों में से एक है। इसका इतिहास भारतीय मिठाई संस्कृति, खासकर बंगाल की पारंपरिक मिठाइयों से गहराई से जुड़ा हुआ है।
1. बंगाल में उत्पन्न हुआ
माना जाता है कि रस मलाई की उत्पत्ति पश्चिम बंगाल में हुई है, जो रसगुल्ला, संदेश और मीठी दोई जैसी मिठाइयों के लिए प्रसिद्ध है। “रस मलाई” दो शब्दों का संयोजन है:
रस – जिसका अर्थ है “सिरप” या “दूध का रस”
मलाई – जिसका अर्थ है “गाढ़ा दूध” या “क्रीम”

रस मलाई मूल रूप से रसगुल्ला का एक नया रूप है, जहाँ रसगुल्लों को चीनी की चाशनी के बजाय केसर और इलायची के साथ गाढ़े दूध (रबड़ी) में भिगोया जाता है।
2. भारतभर में प्रसिद्धि
बंगाल से शुरू हुई रस मलाई ने जल्द ही पूरे भारत में, खासकर बिहार, ओडिशा, झारखंड में लोकप्रियता हासिल कर ली और फिर उत्तर भारत में त्योहारों और शादियों का एक अभिन्न अंग बन गई। आज, यह मिठाई खास तौर पर दिवाली, होली, राखी बंधन और ईद जैसे त्योहारों पर परोसी जाती है।
3. दुनियाभर में पहचान
रसमलाई अब भारतीय प्रवासियों के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध हो गई है। यह मिठाई संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, यूनाइटेड किंगडम और मध्य पूर्व के कई भारतीय रेस्तरां में एक खास मिठाई बन गई है।
Conclusion:
रसमलाई सिर्फ़ एक मीठा व्यंजन नहीं है, बल्कि भारतीय मिठाई परंपरा का एक शाही और भावनात्मक प्रतीक है। इसका हर निवाला – मलाई की मिठास, केसर की खुशबू और छैना की कोमलता – आपको घर की मिठास और त्यौहार की गर्माहट का एहसास कराता है।
चाहे आप इसे त्यौहारों पर मेहमानों को परोसें या खास मौकों पर खुद इसका लुत्फ़ उठाएँ, रसमलाई एक ऐसी मिठाई है जो हर बार दिल जीत लेती है।
अब जब आपने इसकी सरल और प्रामाणिक रेसिपी सीख ली है, तो क्यों न इसे घर पर बनाकर अपने परिवार को खुश करें?